समाज के गौरव का प्रतीक 'भारत रत्न' 'लौह पुरुष' 'सरदार' बल्लभ भाई पटेल अयोध्या निर्माण मिशन
समिति एवं ट्रस्ट द्वारा वर्ष 2016 को घोषित निर्माण वर्ष मिशन में आशातीत एवं अभूतपूर्व सफलता प्राप्त हुई। भूतल, प्रथम एवं द्वितीय तल 94-27′ का कुल लगभग 2538 वर्ग फीट का निर्माण सुव्यवस्थित ढंग से पूर्ण हो गया है। तृतीय तल पर सीढ़ी की गुमटी एवं एक कक्ष का निर्माण हो चुका है। समाज के गणमान्य महानुभावों के अभूतपूर्व सहयोग दान से आशातीत सफलता प्राप्त हुई है। इलाहाबाद परिक्षेत्र के बन्धुओं का स्व. श्री हौसिला प्रसाद वर्मा, तकपुरा के माध्यम से ‘सरदार पटेल भवन, निर्माण में प्रदत्त सहयोग व दान अतुलनीय है। वर्ष 2009 से 31 दिसम्बर, 2022 तक प्राप्त सहयोग दान की संकलित धनराशि 10,000/- व अधिक ग्रेनाइट पत्थर पर भवन के प्रवेश द्वार के पास कार्यालय की दीवार पर लगा दिया गया है तथा कैम्पस की पूरी फर्श पर R. C.C. की ढलाई करा दी गयी है। आइए हम सब इस गौरवशाली मिशन को पूर्ण करने में बढ़-चढ़ कर भाग लें तथा ‘सरदार पटेल भवन’ के इतिहास में अपना नाम अमर बनाऐं।
सरदार पटेल भवन में सरदार पटेल की प्रतिमा, सभागार कक्ष, किचन का निर्माण निम्न दानदाताओं द्वारा कराया गया-
1. प्रतिमा
‘भारतरत्न’ ‘लौहपुरुष ‘सरदार बल्लभ भाई पटेल प्रतिमा की स्थापना श्री बृजेन्द्र कुमार वर्मा – (भण्डारी वर्मा) तकपुरा, फैजाबाद के सौजन्य से पत्नी स्व. राजकली वर्मा की स्मृति में ‘पटेल जयन्ती समारोह 2 नवम्बर 2014 के पावन अवसर पर की गयी।
2 . सभागार
छत्रपति शिवाजी महाराज सभागार पूज्यनीय माता रमाऊदेवी एवं पूज्य पिता हेमराज वर्मा की पावन स्मृति में निर्मित द्वारा : श्री मिश्रीलाल वर्मा (प्रतिष्ठित व्यवसायी), प्रबन्ध निदेशक : भवदीय 13. ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स सोहावल अध्यक्ष हेमराज वर्मा स्मारक अवध पटेल सेवा ट्रस्ट, अयोध्या, मुख्य संरक्षक पटेल प्रगति समिति, अयोध्या, आवास: हेमकुञ्ज, शृंगारहाट, अयोध्या। 31-10-2016
3. कक्ष स.1
पूज्यनीय माता एवं पूज्य पिताजी की पावन स्मृति में निर्मित द्वारा : श्री पी. एन. वर्मा, ट्रस्टी हेमराज वर्मा स्मारक अवध पटेल सेवा ट्रस्ट, अयोध्या, अध्यक्ष पटेल प्रगति समिति अयोध्या, पूर्व मण्डल अभियन्ता दूर संचार विभाग, आवास आदर्श नगर, देवकाली, अयोध्या एवं श्रीमती राधा वर्मा पत्नी श्री पी.एन. वर्मा तथा देवीपलट वर्मा, पटेलपुरम, आशापुर, अयोध्या
31-10-2016
4. कक्ष स.2
पूज्यनीय माता उदयराजी वर्मा पत्नी श्री रामप्रसाद चौधरी की पुण्य स्मृति में निर्मित द्वारा : डा. के. आर. वर्मा -(मनोरोग विशेषज्ञ) आजीवन सदस्य : पटेल प्रगति समिति, अयोध्या, ट्रस्टी हेमराज वर्मा स्मारक अव पटेल सेवा ट्रस्ट, अयोध्या, आवास: पटेलनगर, नाका-अयोध्या। 31-10-20165.
5. कक्ष स.3
पूज्यनीय माता सुनीता देवी पत्नी श्री धर्मराज वर्मा, ग्राम व पोस्ट- अलनाभारी की पुण्य स्मृति में निर्मित द्वारा: अशोक कुमार वर्मा आजीवन सदस्य : पटेल प्रगति समिति, अयोध्या, ट्रस्टी हेमराज वर्मा स्मारक अवध पटेल सेवा ट्रस्ट, अयोध्या, विकास अधिकारी भा. जी. बीमा निगम, अयोध्या आवास: श्रीरामपुरम् कालोनी, अयोध्या। 31-10-2016
6. किचन कक्ष सं.1
बाबा स्व. सुन्दरलाल वर्मा की पावन स्मृति में निर्मित द्वारा: श्री राजेश कुमार वर्मा पुत्र श्री बालकराम वर्मा तिलेया आशापुर अयोध्या। 5-11-2017
7. कक्ष स. 4
पिता स्व. राम दुलार बर्मा के पावन स्मृति में निर्मित द्वारा डा. रामसिंगार वर्मा पुत्र स्व. राम दुलार वर्मा निवासी ग्राम व पोस्ट- परसावां महोला, अयोध्या। 2018
6. किचन कक्ष सं. 2
श्री हौसिला प्रसाद वर्मा तकपुरा, अयोध्या के सप्रेरणा से प्रयागराज के शुभेच्छु दानदाताओं द्वारा निर्मित। 03-11-2019
9. कक्ष स. 5
प्रोफेसर रमाशंकर वर्मा, पटेलनगर, नाका, अयोध्या, स्थाई पता- सुलेमपुर, टाण्डा, अम्बेडकरनगर द्वारा धर्म पत्नी स्व. रमावती वर्मा की पुण्य स्मृति में निर्मित। 03-11-2019
10. कक्ष स. 6
स्व. साधु सिंह के पुण्य स्मृति में निर्मित द्वारा: (पुत्र एवं पुत्र वधू) श्री तारक नाथ सिंह पत्नी श्रीमती आशा सिंह एवं श्री शिवनाथ सिंह पत्नी श्रीमती प्रियंका सिंह, स्थानीय पता- गाँधी नगर, नाका, अयोध्या स्थाई पता-बेलगछिया, हावड़ा। 07-11-2021
11. कक्ष स. 7
स्व. पिता रामबहाऊ वर्मा माता श्रीमती भानमती वर्मा एवं स्व. पत्नी कुसुम वर्मा की पुण्य स्मृति में द्वारा: राजवर्मा एवं पत्नी अमरावती वर्मा पुत्र सौरभ वर्मा पुत्री ऋचा वर्मा, ऋषिका वर्मा निवासी सतरही बरोरा कल्याणपुर, अम्बेडकरनगर वर्तमान पता शान्ति कुञ्ज हावड़ा। 06-11-22
12. कक्ष स. 8
पूज्य पिता (स्व.) सुन्दरलाल वर्मा एवं पूज्यनीय माता स्व. गंगा देई की पावन स्मृति में निर्मित द्वारा: जगदम्बा प्रसाद चौधरी ककरही बाजार, अयोध्या । 06-11-2022
13. कक्ष स. 9
पूज्य पिता (स्व.) रघुनाथ वर्मा की पावन स्मृति में निर्मित द्वारा: हौसिला प्रसाद वर्मा D1099/2 इन्दिरा नगर, लखनऊ, स्थानीय पता- कुर्मी का पूरवा सिरसिन्डा, अयोध्या 06-11-2022
'भारतरत्न' 'लौहपुरुष' 'सरदार' वल्लभ भाई पटेल भवन निर्माण आधार एवं प्रगति
पटेल प्रगति समिति एवं हेमराज वर्मा स्मारक अवध पटेल सेवा ट्रस्ट के आपसी संबंध
‘अवध’ में पटेल समाज के अनेक गणमान्य/ बुद्धिजीवी लोगों द्वारा गत कई दशकों से प्रयास किया जाता रहा कि इस पावन धरती पर इस समाज की एक – समृद्धिशाली पहचान हो। इस क्रम में किन्हीं किन्हीं गणमान्य लोगों के आवास पर बैठकें आयोजित की जाती रहीं। कुछ लोग संगठित होते रहे परन्तु इस क्षेत्र में आशानुसार सफलता नहीं मिल पायी। फिर भी ऐसा प्रयास अनेकों बार किया जाता रहा। वर्ष 2004-05 में श्री रामचन्द्र वर्मा, (पूर्व अध्यक्ष : छात्रसंघ साकेत महाविद्यालय फैजाबाद) निवासी- निधान का पुरवा दर्शननगर फैजाबाद द्वारा सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों से सम्पर्क कर जनपद में फिर से संगठन को जागृत करने का प्रयास प्रारम्भ किया गया। इसमें इनके अथक परिश्रम से राजकीय सेवकों को संगठित करने में कुछ सफलता मिली। इनके आर्थिक सहयोग से होली मिलन/पटेल जयन्ती कार्यक्रम फिर प्रारम्भ हुआ। इसमें सर्वश्री इन्द्रप्रताप वर्मा, के. पी. वर्मा, जगन्नाथ पटेल, सुरेश वर्मा व अन्य लोगों का सक्रिय सहयोग मिला। वर्ष 2005 में होली मिलन समारोह श्रीराम गेस्टहाउस में आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि तत्कालीन मण्डलायुक्त श्री अरुण कुमार सिन्हा जी थे, मण्डलायुक्त जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि आप लोग किसी समिति का गठन कर उसके तत्त्वावध न में होली मिलन समारोह / पटेल जयन्ती समारोह आयोजित करें तो सामाजिक दृष्टि से यह अधिक प्रभावी होगा। वर्ष 2005 में श्री रामचन्द्र वर्मा जी के नेतृत्व में पटेल जयन्ती कार्यक्रम श्री अरुण कुमार सिन्हा जी की अध्यक्षता में नरेन्द्रालय फैजाबाद में आयोजित हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह रहे। इस समारोह में सरकारी अधिकारियों / कर्मचारियों के साथ फैजाबाद / अयोध्या के गणमान्य लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लेकर सहयोग किया। इसी वर्ष श्री इन्द्र प्रताप वर्मा की अध्यक्षता में पटेल प्रगति विचार समिति का गठन किया। गया। कुछ वर्षों तक इसी समिति के तत्त्वावधान में होली मिलन/पटेल जयन्ती समारोहों का आयोजन किया जाता रहा। समिति गठन के बाद इसके कुछ ही पदाधिकारी सक्रिय रहे। इस दौरान कार्यक्रमों में सर्वश्री इन्द्र प्रताप वर्मा, के. पी. वर्मा, जगन्नाथ पटेल, शम्भूनाथ वर्मा, पी. एन. वर्मा, डा. एम. एस. विष्णु, व अन्य गणमान्य लोगों का भरपूर सहयोग मिला। चूँकि समिति गठन के समय के पदाधिकारियों में से कुछ के ही सक्रिय रहने व कुछ के बाहर चले जाने के कारण समिति नवीनीकरण के समय विचार-विमर्श कर एक नये सिरे से समिति बनाने का निर्णय हुआ एवं वर्ष 2009 में ‘पटेल प्रगति समिति’ नाम से एक नयी समिति पंजीकृत करायी गयी। इस समिति में ज्यादातर मुख्य रूप से पूर्व समिति के पदाधिकारियों को पदाधिकारी बनाया गया। इस दौरान समिति अध्यक्ष श्री इन्द्रप्रताप वर्मा की तबियत खराब रहने लगी। उन्होंने स्वयं अपने अस्वस्थता तथा समिति के क्रियाकलाप में समय न दे पाने के कारण अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी किसी अन्य को सौंपने की इच्छा व्यक्त की। श्री पी. एन. वर्मा को जो उस समय मण्डल अभियन्ता (टेलीफोन) फैजाबाद के पद पर कार्यरत थे की सक्रियता व अथक परिश्रम पर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी श्री इन्द्रप्रताप वर्मा के इस्तीफे के बाद सौंपी गयी। इस दौरान सर्वश्री राम मिलन चौधरी व मिश्रीलाल वर्मा जी दिलोजान से समिति से जुड़े। इन सबके संगठित प्रयास से समिति की अभूतपूर्व प्रगति हुई।
विभिन्न बैठकों में जन प्रतिनिधियों व अन्य गणमान्य लोगों द्वारा अपने सम्बोधनों में अपनी पहचान एवं अपनी एक जगह होने की बात उठायी जाती रही। लेकिन ये बातें मात्र भाषण बाजी तक ही सीमित रही। इसको यथार्थ रूप देने में कोई आगे नहीं आया। वर्ष 2011 में पंचमुखी उद्यान में श्री घनश्याम वर्मा जी के नेतृत्व में नववर्ष मिलन/भोज कार्यक्रम आयोजित था। यह कार्यक्रम तत्कालीन अपर आयुक्त (प्रशासन) श्री जगप्रसाद चौधरी के अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। श्री जगप्रसाद चौधरी सज्जनता की एक प्रतिमूर्ति थे। इस बैठक में फिर भाषण में वही बात दोहरायी गयी कि अपनी जमीन व भवन होना चाहिए। कोई आगे नहीं आया । अन्ततः श्री मिश्रीलाल वर्मा जी ने उपस्थित सभी लोगों से संकल्प दिलाया कि यदि आप सभी अपनी एकजुटता, सौहार्द्र व आपसी आत्मविश्वास को बनाये रखें तो मैं अपनी पाँच विस्वा जमीन जो अकबरपुर रोड पर राजे कोल्ड स्टोर के पीछे है उसे समिति को दान दे दूँ। यह सुनकर सब लोग आश्चर्य चकित हुए व प्रसन्नता जतायी तथा तालियाँ बजाय ।
कुछ समय बीता तथा ये सभी 4-5 लोग चिन्तन मनन करते रहे। इनके द्वारा जमीन व रास्ते को कई बार देखा गया लेकिन आगे का रास्ता 10 फीट का ही होने के कारण इनका मन भविष्य को देखते हुए खुद गवारा नहीं कर रहा था कि भविष्य में विभिन्न कार्यक्रम में पचासों गाड़िया आयेगी तो उनके आने-जाने व पार्क करने में परेशानी खड़ी होगी, लोगों ने यह भी प्रस्ताव रखा कि भविष्य में 5 विस्वा जमीन से कार्य नहीं चलेगा । इसी बीच भीखीपुरवा के निवासी आदरणीय डा. रामप्रसाद वर्मा जी से मुलाकात हुई तो उन्होंने बताया कि श्री फतेह बहादुर वर्मा जी एक जमीन ‘एस्सार पेट्रोल पम्प’ के ठीक नामने प्लाटिंग करके बेच रहे हैं जो मुख्य सड़क के
सम्पर्क में है, क्यों न उसी में पटेल भवन वास्ते जमीन ले ली जायें। जब मूल्य की बात हुई तो पता चला कि तीन लाख रुपया प्रति विस्वा की दर से जमीन मिल जायेगी। अब बात धन इकट्ठा करने की हुई। अब तक समिति को समाज जो सहयोग मिलता था, कार्यक्रमों आदि में व्यय के बाद कुछ धनराशि ही बचती थी जो बैंक खाते में जमा थी। उस धन से तो भूमि का क्रय करना सम्भव ही नहीं था। भवन हेतु कम से लगभग 10 विस्वा जमीन तो चाहिए ही थी। इसी क्रम में फैजाबाद में चल रहे अन्य समाज के भवनों का अध्ययन किया गया। मारवाड़ी भवन के श्री अरविन्द अग्रवाल जी से इस सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया। समितियों के हो रहे हश्र तथा विवादों का गहन अध्ययन हुआ पाया गया कि समितियाँ तो विवाद में हैं किन्तु ट्रस्ट सफलतापूर्वक चल रहे हैं। इसका उदाहरण अयोध्या व फैजाबाद में अनेक ट्रस्ट है। अन्तत: ‘मारवाड़ी भवन’ जो मारवाड़ी सेवा ट्रस्ट द्वारा संचालित है के आधार पर ‘पटेल भवन’ निर्माण की बात सोची गयी। ट्रस्ट की सम्पत्तियों पर किसी भी ट्रस्टी का एकाधिकार नहीं रहता और न ही उसका निजी मालिकाना हक होता है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए अन्ततः ट्रस्ट के माध्यम से भवन के निर्माण का निर्णय समिति में किया गया। ट्रस्ट के ट्रस्टी बनने के लिए समिति के समस्त पदाधिकारियों व सदस्यों के समक्ष प्रस्ताव लाया गया। चूँकि इसमें भारी रकम एक मुश्त देनी थी तो कुछ लोग ही तैयार हुए। प्रयास से की व्यवस्था हेतु ट्रस्ट गठन का निर्णय लिया गया। ट्रस्ट अन्ततः 18 लोग आगे आये और जमीन क्रय हेतु धनराशि से दिनांक 6 फरवरी 2012 को पंजीकृत कराया गया। ‘हेमराज वर्मा स्मारक अवध पटेल सेवा ट्रस्ट’ नाम पिता थे। ट्रस्ट का नाम सभी दृष्टियों से श्री मिश्रीलाल स्व. हेमराज वर्मा मुख्य ट्रस्टी श्री मिश्रीलाल वर्मा जी के वर्मा के उदारतापूर्ण किये गये सहयोग व भविष्य में इनके अद्वितीय सहयोगी की परिकल्पना के आधार पर किया